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प्रकाश पर्व : गुरु नानक देव जी
साहिब श्री गुरु नानक देव जी, सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे, आप का जन्म सन् 1469 को तलवंडी (वर्तमान ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। आप ने जाति, लिंग और धर्म के भेदभाव के बिना समानता के सिद्धांत पर आधारित अपनी शिक्षाएं दीं, जिन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में संकलित किया गया है।
गुरु जी ने समाज में व्याप्त आडंबरों, पाखंडों और कुरीतियों का कड़ा विरोध किया और सभी लोगों के बीच समानता के विचार को बढ़ावा दिया। छोटे-बड़े के भेदभाव को मिटाने के लिए आपने लंगर प्रथा शुरू की।
गुरु नानक देव जी के तीन प्रमुख उपदेश हैं नाम जपना, किरत करनी और वंड छकना।
1. नाम जपना: ईश्वर का स्मरण करना और उसका ध्यान करना।
2. किरत करनी: ईमानदारी और परिश्रम से धन कमाना।
3. वंड छकना: अपनी कमाई या संसाधनों को जरूरतमंदों के साथ साझा करना।
ये सिद्धांत आध्यात्मिक उन्नति और भौतिक सुख के स्तंभ माने जाते हैं।
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, सेक्टर 11, द्वारका में प्रकाश पर्व 5 नवंबर, 2025 को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक मनाया गया। जिस में पंथ प्रसिद्ध रागी जत्थे व कथा वाचकों द्वारा गुरुबाणी कीर्तन और शब्द विचार प्रस्तुत किया गया। लगभग 15
हजार श्रद्धालु गुरु चरणों में नतमस्तक हुए।
इस से पहले 3-11-2025 सुबह 6 बजे से 5-11-2025 सुबह 6 बजे तक श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का अखंड पाठ किया गया।
प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में, गुरुद्वारा कमिटी द्वारा 18-10-2025 से 4-11-2025 तक प्रभात फेरियों का आयोजन किया गया। जिन में बड़ी संख्या में द्वारका निवासियों ने भाग ले कर, गुरु जी को नतमस्तक हुए।
Radio Dwarka,
India’s First Online Community Radio,
6 November 2025, Thursday







