“Abhivyakti”, Atithi - Mrs. Shubhda Bajpai
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जीवन में सुख और दुख का ताना बाना निरंतर चलता रहता है.. सुख में हमारे भाव आनंद की अनुभूति में समाहित हो जाते हैं लेकिन दुख का भाव एक पीड़ा की अनुभूति कराता है और वही अनुभूति जब शब्दों का रूप ले लेती है तो एक करूणामय अभिव्यक्ति बन जाती है...हमारी अतिथि श्रीमती शुभदा बाजपेयी जी की अभिव्यक्ति में आज यही अनुभूति हम आपके लिए लेकर आए हैं! शुभदा जी साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी कलम की सार्थकता सिद्ध कर चुकी हैं! अनेक साहित्यिक सम्मानों से अलंकृत शुभदा जी ,अपने लेखन कर्म में निरंतर प्रवृत हैं! उनकी सुमधुर आवाज़ में करूणा और पीडा की भावविभोर कर देने वाली सुंदर अभिव्यक्ति आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है!
इस अभिव्यक्ति से जुड़ी और जानकारी के लिए कृपया पिक्चर पर क्लिक करे!
Dr. Tripti Mathur,
Radio Dwarka,
India's First Online Community Radio.
Tuesday, June 28, 2016